तलपट (Trial Balance) क्या है ?

 

  •  तलपट (Trial Balnce)

अकाउंटिंग में जर्नल एंट्री(Journal Entry,) तैयार की जाती और इसके बाद खाताबही (Ledger) , खाताबही या लेजर जब लेन-देनों की खतौनी (Posting)  कर दी जाती है तो खतौनी (Ledger) खातों (account) की शुद्धता(accuracy) ज्ञात करने के लिए एक सूची (statement) बनाई जाती है। इस सूची को तलपट(Trial Balnce) कहते हैं। अगर तलपट के दोनों पक्षों डेबिट और क्रेडिट का योग(Total) मिल जाता है तो ये मान लिया जाता है के खाते शुद्ध है और उनसे अंतिम खाते (Final Accounts) बनाए जा सकते हैं । अगर तलपट के दोनों पक्षों डेबिट क्रेडिट का योग समान नहीं होता है तो ये निश्चित हो जाता है खतौनी करने मैं। एक अथवा कई गलतियां (Errors) हो गई हैं और उनका सुधार करना जरूरी है ।





















  • तलपट का प्रारूप ( Foramt of Trail Balnce)



















1.Name of Accounts - इस कोलम में खातों के नाम लिखे जाते है। ये कोलम तलपट के अन्य कोलम की अपेक्षा सबसे बड़ा होता है।

2. Ledger Folio- खाताबही के खातों को तलपट के प्रथम कोलम में लिखने के बाद खाते बही के us खाते का पेज नंबर को इस कोलम में लिखते हैं।

3.Amount(Dr)- इस कोलम में खाताबही के डेबिट बैलेंस लिखा जाता है।
4. Amount (Cr)- इस कॉलम में खाताबही के खाते का क्रेडिट बैलेंस लिखा जाता है ।

  • तलपट की कुछ परिभाषाएं (Definitions of Trial Balnce)


  1. "खाताबही में खोले गए खातों के डेबिट और क्रेडिट पक्ष के जोड़ (Total) व बाकियां निकालने के बाद एक विशेष सूची बनाई जाती है जिसे तलपट कहते है"
  2. " तलपट विभिन्न खातों के योग अथवा बाकियों(Balnce) की वह सूची या विवरण है जो किसी निश्चित तिथि को खातों की गणित सम्बन्धी शुद्धिता की जांच के लिए तैयार को जाती है।

  • कार्टर के अनुसार(According To Cartner)

"तलपट उन डेबिट तथा क्रेडिट बाकियों की एक  सूची है  जो खाताबही (Ledger) के खातों से निकाल जाती है और इसमें रोकड़ पुस्तक(Cash Book) की रोकड़ व बैंक की बाकियाँ भी शामिल की जाती है "

Trial Balnce is the list of debit credit balances, taken out from ledger. It also includes the balances of cash  and bank taken from cash book"

  • तलपट बनाने की रीतियां (Methods of Make Trail Balnce)  


तलपट निम्नलिखित तीन विधियों द्वारा तैयार किया जा सकता है ।


1.खाता बही के दोनों पक्षों के योग द्वारा (Total Method)

इसके अनुसार तलपट में खाताबही (Ledger) के सब खातों के डेबिट और क्रेडिट पक्ष का योग लिखा जाता है । डेबिट योग डेबिट पक्ष में और क्रेडिट योग क्रेडिट पक्ष में लिखा जाता है ।


2.खातों के शेष अथवा बाकी द्वारा।(Balnce Method)

इसके अनुसार तलपट में खाताबही(Ledger) के  खातों की बाकियों (Balnces) अथवा शेष लिखे जाते है । डेबिट बाकियां(Debit Balnce ) डेबिट पक्ष में तथा क्रेडिट बाकियां( Credit Balnce ) क्रेडिट पक्ष में लिखी जाती हैं। जिन खाताबही (Ledger) के खातों का योग(Total) समान होता है या जिनका कोई शेष नहीं होता वे तलपट में नहीं लिखे जाते जाते हैं इस विधि के अनुसार। इसी तलपट के द्वारा अंतिम खाते तैयार किए जाते है । तलपट बनाने के ये विधि सबसे अधिक लोकप्रिय है।

3.खातों के योग तथा शेष दोनों द्वारा(Compound Method)

इस विधि के अनुसार ऊपर दी हुई दोनों विधियों को शामिल करके तलपट बनाया जाता है । खाता बही के दोनों पक्षों के योग द्वारा तथा खतों के योग तथा शेष दोनों द्वारा । इसके अनुसार रकम (Amount) के लिए चार खाने होते हैं। पहले दोनों खानों(Coulums)  में खातों के डेबिट तथा क्रेडिट का योग (Total ) लिखा जाता है और बाद के दोनों खानों में खातों के डेबिट क्रेडिट शेष लिखे जाते हैं। इस विधि को दोनों विधियों  का सम्मिश्रण (Combination) भी कह सकते है।




Note- जब खाताबही ( Ledger) में देनदारों (Debtors) तथा लेनदारों (Creditors) के खातों की संख्या बहुत अधिक होती है तो प्रत्येक लेनदार वा देनदार को अलग - अलग तलपट में लिखना संभव नहीं होता है । इसलिए तलपट बनाने से पहले लेनदारों वा देनदारों की एक एक सूची बना ली जाती है और तलपट में कुल देनदार व कुल लेनदार (Total Creditors and Debtors) लिख कर उनके सामने दोनों का कुल योग (Total ) लिख दिया जाता है।

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